Zeenat Aman: जीनत अमान एक मशहूर , अनुभवी अभिनेत्री है जो सहजता से भाषा पर राज करती हैं। उन्होंने करण जौहर के टॉक शो, कॉफी विद करण 8 में शामिल होकर शोभा बढ़ाई, जहां उन्होंने अपने प्रतिष्ठित लेकिन विवादास्पद फिल्म, सत्यम शिवम सुंदरम में अपने कास्टिंग के किस्से का भी खुलासा किया।
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Zeenat Aman with Coffee with Karan Show
राज कपूर द्वारा निर्देशित और शशि कपूर को सह-कलाकार के रूप में प्रस्तुत करते हुए, जीनत अमान ने अपनी यादें साझा कीं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मुझे ऐसी भूमिका (रूपा) में लेने पर विचार करेंगे।
एक दिन, एस्सेल स्टूडियो में शूटिंग के दौरान, आरके (आरके स्टूडियो) के रास्ते से हटकर, मैंने पैक-अप के बाद, उस रूप में खुद को सजाया जो मेरा मानना था कि वह (राज कपूर) रूपा के लिए कल्पना करते थे।”
एक बिगड़े हुए चेहरे वाली महिला रूपा के चरित्र को चित्रित करते हुए, जीनत अमान ने अपनी तैयारी का वर्णन किया, “मेरे चेहरे पर टिशू पेपर चिपका हुआ था, मेकअप के साथ, एक चोटी, और एक घाघरा-चोली का पहनावा, मैं आरके स्टूडियो की ओर बढ़ी।
शुक्रवार को वहां जॉन नाम का एक आदमी था, इसलिए मैंने उससे सर को सूचित करने के लिए कहा कि रूपा आ गई है। उसकी प्रतिक्रिया थी, ‘रूपा? रूपा कौन है?’
इसके बाद, उन्होंने (राज कपूर) मुझे अपनी कुटिया में बुलाया, और जैसे ही मैं अंदर दाखिल हुई, वह सचमुच चकित रह गए,” जीनत अमान ने सुनाया।
राज कपूर की अपनी पत्नी कृष्णा राज कपूर के साथ बाद की बातचीत का खुलासा करते हुए, जीनत अमान ने साझा किया, “उन्होंने उल्लेख किया कि यह लड़की एक बहुत बड़ी स्टार है; उसे इस तरह के प्रयासों से गुजरने की जरूरत नहीं है।
यह उनका जुनून है जो मुझे उसे भूमिका देने के लिए मजबूर करता है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने नरगिस जी के एक पुराने गीत, ‘जागो मोहन प्यारे’ पर सेट रूपा की अपनी व्याख्या के साथ एक पूरा रील शूट किया था।
Zeenat Aman Age अभी क्या है
ज़ीनत अमान नाम सुनते ही आंखों के सामने चमक उठती है एक युवा कालजयी हसीन तूफानी लड़की, क्या उम्र के नगद बहीखातों में बंद किया जा सकता है ये वो कलाकार जिसे खुद वक्त सलाम करता है? 1951 में जन्मीं, ज़ीनत अमान आज भी उतनी ही आकर्षक और ऊर्जावान हैं, मानो समय उनके दरवाजे से भटक कर निकल गया हो|
उनकी सुंदरता के बारे में ग़ज़लें लिखी गईं, उनके परदेसी आंदाज पर फ़िल्में बनीं, और उनके डायलॉग युवाओं की जुबान पर चढ़ गए. ‘हथेली पर लकीरें’ से लेकर ‘डिस्को चली जाएं’, उन्होंने हर किरदार में जिंदगी को इतने बेधड़क अंदाज में जिया कि पर्दे का हर कोना उनकी ऊर्जा से गुंजायमान हो उठा|
लेकिन ज़ीनत की कहानी केवल सुंदरता और सफलता की नहीं है| यह अनवरत सीखने और स्वयं को तराशने की यात्रा है| मॉडलिंग से फ़िल्मों तक का सफर, फिर शादी, मातृत्व और एक अकेली माँ के रूप में अपने बच्चों की परवरिश – इन्होंने उन्हें हर रूप को मजबूती से निभाया|
आज, 72 की उम्र में, ज़ीनत अमान सोशल मीडिया पर नई पीढ़ी से बात करती हैं, ब्लॉगिंग करती हैं और अपनी शर्तों पर ज़िंदगी को जीती हैं| उनकी उम्र एक नंबर नहीं, बल्कि उनके अनुभवों की समृद्धि का प्रमाण है| वो साबित करती हैं कि कलाकार समय की ज़ंजीरों को तोड़ कर उड़ते हैं, और उनकी प्रतिभा की चमक किसी कैलेंडर के पन्नों में कैद नहीं हो सकती| ज़ीनत अमान एक जीता जगता उदाहरण हैं कि ‘हसीन वही जो ख़ुद हंसता है, आंसू तो हर शख्स के होंगे ही’!
Zeenat Aman Husband कौन?
ज़ीनत अमान की ज़िंदगी में शादियों को लेकर अक्सर अटकलें लगती हैं, लेकिन उनकी कहानी एक शिर से शुरू होकर कई मोड़ लेती है| 1978 में, उन्होंने फ़िल्म निर्देशक संजय खान से शादी की| दोनों का प्रेम-विवाह चर्चा का विषय रहा, क्योंकि संजय पहले से ही शादीशुदा थे| शादी के पांच साल बाद, कई उतार-चढ़ावों के बीच दोनों अलग हो गए|
इसके बाद ज़ीनत के जीवन में म्यूज़िक डायरेक्टर मुजाहिद खान का प्रवेश हुआ| 1985 में, दोनों ने शादी की और ज़ीनत के दो जुड़वां बेटे, ज़हान और अज़ान हुए| मगर दुर्भाग्य से, 1998 में मुजाहिद का असामयिक निधन हो गया, जिससे ज़ीनत अमान को अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश करनी पड़ी|
हालांकि ज़ीनत के जीवन में दो शादियां हुईं, लेकिन वो खुद सिंगल मदर के रूप में अपने बेटों के लिए एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरीं| उनकी प्रेम कहानियों की चर्चा अब कम ही सुनाई देती है, बल्कि आज वो एक स्वतंत्र, सफल महिला के रूप में जानी जाती हैं, जो अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जी रही हैं|
Zeenat Aman Nude शीन कौन कौन फिल्म में हैं
ज़ीनत अमान का नाम जुबां पर आते ही आंखों के सामने फिल्मों का एक रंगीन कैलेंडर घूमने लगता है| 70’s की ग्लैमर क्वीन से लेकर आज की शेरनी दादी तक, उन्होंने हर दशक में अपने किरदारों के ज़रिए जादू बिखेरा है. ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ की ज़ैब से लेकर ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ की रश्मि तक, उन्होंने सामाजिक और पारंपरिक सीमाओं को तोड़ा है.
‘डॉन’ की सिंपल yet सेक्सी डबल्ड रोल से लेकर ‘इंसाफ़ का तराजू’ की बेदहश रीना तक, उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा की छाप छोड़ी है| कॉमेडी में ‘चोर मेरे काम’ की चंचल माला और थ्रिलर में ‘लावारिस’ की निडर शबाना, हर किरदार में उनकी जिंदादगी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है|
उनकी फिल्मों के गीत आज भी जुबान पर चढ़ जाते हैं. ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’ से लेकर ‘डिस्को चली जाएं’, उनकी नृत्य शैली बेमिसाल थी| हर फिल्म में वो हसीन हीरोइन से ज़्यादा एक मजबूत किरदार के तौर पर उभरती हैं.
आज, अपनी फिल्मों से अलग सोशल मीडिया पर ब्लागिंग करती ज़ीनत एक नई प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरी हैं| उनकी फिल्मों की शृंखला एक अनंत कहानी है, जो समाज, कला और ज़िंदगी के अलग-अलग रंगों को बयां करती है| वो साबित करती हैं कि कलाकार की उम्र नहीं होती, बस होता है एक जादू, जो पर्दे पर सदाबहार रहता है|