Ranji Trophy : रणजी ट्रॉफी का भारत के घरेलू क्रिकेट पहला स्थान ?

Ranji Trophy : भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में Ranji Trophy का एक खास जगह है, जो हर साल दिसंबर-जनवरी के आसपास शुरू हो जाता है| ये वो समय होता है जब मैदानों पर कपाही शोरो गूंज उठती है “रणजी ट्रॉफी” की शहनाई के साथ| प्रथम श्रेणी के क्रिकेट का ये महाकुंभ भारत में घरेलू क्रिकेट का शिखर स्थान प्रदान करता है, जहां युवा प्रतिभाएं अपने दिग्गज खिलाड़ी पर अपना जलवा बिखेरते हैं| इस बार बिहार में 27 बर्षो के बाद रणजी ट्रॉफी का आगाज देखने को मिला जो काफी रोमांचक है |

भारतीय क्रिकेट टीम के चट्टान, और स्पिन गेंदबाजी के बादशाह

Ranji Trophy : रणजी ट्रॉफी का सफर

Ranji Trophy की शुरुआत सन 1934 में भारत के महान क्रिकेटर कुमार रणजीसिंहजी भाजीराव के सम्मान में दिया गया तब से ये पुरे देश में Ranji Trophy के नाम से प्रचलित है | ये टूर्नामेंट प्रथम श्रेणी क्रिकेट का प्रारूप अपनाता है, जो टेस्ट मैचों के समान चार पारी का होता है| शुरुआत में सिर्फ चार टीमों के साथ शुरू हुआ ये टूर्नामेंट| अब धीरे धीरे 38 टीमों तक विस्तारित हो चुका है, जिसमें भारत के सभी 28 राज्य और आठ  केंद्र शासित प्रदेशों का भी प्रतिनिधित्व शामिल है|

टूर्नामेंट को आम तौर पर दिसंबर में शुरू किया जाता है और फरवरी के अंत तक चलता है| चयन प्रक्रिया के तहत टीमों को ग्रुपों में बांटा जाता है और प्रत्येक ग्रुप में लीग मैच होते हैं, जिसके आधार पर टॉप टीमें नॉकआउट चरण में प्रवेश करती हैं और बाद में क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल के रोमांचक मुकाबलों के बाद चैंपियन का फैसला होता है|

Ranji Trophy : क्रिकेट प्रेमी के लिए रोमांच का ख़ज़ाना

रणजी ट्रॉफी सिर्फ एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि ये भावनाओं का मेल है| ये वो मंच है जहां क्रिकेट के भविष्य के सितारे अपना पहला चमत्कार दिखाते हुए आगे बढ़ते है | अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने यहीं से अपने शानदार पारी की शुरुआत की थी| 2018 में पृथ्वी शॉ का शतक, 2023 में सारंग बोलिंगी का बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी का धमाल – रणजी ट्रॉफी ऐसे ही अनगिनत लम्हों का गवाह बना है|

इससे भी बढ़कर, रणजी ट्रॉफी उन क्रिकेटरों के हौसले बुलंद करती है जो टेस्ट क्रिकेट तक का सफर तय नहीं कर पाते| छोटे शहरों और कस्बों से निकले प्रतिभाशाली खिलाड़ी यहाँ अपना कौशल साबित करके चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करते हैं| उनका जुनून और लगन देखते ही बनता है|

Ranji Trophy : प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा

रणजी ट्रॉफी सिर्फ मैदान पर प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि, ये विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के बीच संस्कृति, मेल जॉल , भाषा और परंपरा का भी संगम है| हर राज्य अपनी टीम के लिए जयकारे लगाता है और  खिलाड़ियों के मन को प्रोत्साहित करता है| स्टेडियम में क्षेत्रीय गीत गए जाते है, नारे लगाए जाते है और इतना ही नहीं लोग रंग-बिरंगे परिधान का एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है |

2023-24 के सीज़न में भी रणजी ट्रॉफी का रोमांच देखने को मिल रहा है| युवा बल्लेबाज़ों का शानदार प्रदर्शन, अनुभवी गेंदबाज़ों का कमाल और नए रिकॉर्ड बन रहे हैं| मुंबई, जो रणजी ट्रॉफी का सबसे सफलतम पक्ष है, एक बार फिर से वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश में जुटा है| वहीं बंगाल, कर्नाटक और सौराष्ट्र जैसी टीमें भी खिताब की दौड़ में सबसे आगे हैं|

भारतीय क्रिकेट की धधकती आग को हर साल दिसंबर-जनवरी में नए जोश का हवा देता है रणजी ट्रॉफी का महाकुंभ| ये वो प्रथम श्रेणी क्रिकेट का शिखर समागम है, जहां युवा प्रतिभाएं तारकित होती हैं और दिग्गज अपनी चमक बिखेरते हैं|

Ranji Trophy : भविष्य का वादा:

रणजी ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट के भविष्य की नर्सरी है और ये कहे तो क्रिकेट की शुरुआत होती है रणजी ट्रॉफी से | यहां से ही टेस्ट क्रिकेट के नए सितारे उभरते हैं, टीम इंडिया को मजबूती मिलती है| रणजी के हर रन में, हर विकेट में भारत के क्रिकेट का कल छिपा होता है| इसलिए, रणजी का इतिहास नहीं, भविष्य के क्रिकेटर का इंतजार रहता है, एहि से भविष्य के क्रिकेटर का निर्माण होता है |

रणजी ट्रॉफी का जादू

भारतीय क्रिकेट की कथा अधूरी रह जाती है बिना रणजी ट्रॉफी के वर्णमाला के जिस्ता आगाज भारत में दिसंबर-जनवरी की ठंडी हवा से होती है जब ठंड के झोके क्रिकेट के जुनून को और जगाते हैं| तब उसी समय गूंज उठता है रणजी ट्रॉफी का शंखनाद का | ये प्रथम श्रेणी क्रिकेट का वो महाकुंभ है, जहां युवा प्रतिभाएं तराशती हैं और दिग्गज अपनी धार चमकाते हैं|

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